इंसान (Human) ✨
- Chaitanya Joshi
- Nov 12, 2021
- 1 min read
Updated: Aug 10, 2022
In this era of instant gratification people project a lot, expect a lot, and get hurt a lot. A few lines in Hindi to remind us all about the joy - that is building a life! 🎇

“ काल्पनिक मकानो की दीवारों में दरारे हैं बोहोत, धूल जमी हैं टूटी खिड़कियों पे इतनी, बाहर देखो तो दुनिया बेरंग है बोहोत;
अजनबी शहरो में भी सुकून है बोहोत, इन मकानो से बाहर निकलो ये दुनिया खूबसूरत है बोहोत;
कीचड़ में उतर ईंट से ईंट जोड़ने में मेहनत है बोहोत, समय की आजमाइश के आगे डटने में शिद्दत है बोहोत;
निमिष दौड़ रही है ये दुनिया इसमें धीरज की जरूरत है बोहोत, बिकता है सब यहा पर अदब अब भी महंगी है बोहोत;
भूतकाल और पक्षपात की कैद से रिश्तो और मोहब्बतो की ख्वाइश है बोहोत, इन मकानो से बाहर निकलो आज इंसानो की यहा जरूरत हैं बोहोत! ”
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